एक सज्जन से पूछा – भाई जी कहाँ थे? काफी दिनों से दिखाई नहीं दिये?
उसने उत्तर दिया –
पवित्र दीपावली- मास में शकुनी वृत्ति वश कौरव-पांडव धर्म-कर्म अनुसरण में मग्न था। श्रीकृष्ण जी की जन्म स्थली की यात्रा और कुछ दिन कृष्ण जन्म स्थान पर निवास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था!
हमें वह सज्जन बहुत ही धार्मिक, आध्यात्मिक प्रतीत हुए।
सारांश तो बाद में पता चला कि :- “जुआ खेलते हुए पकड़े जाने के कारण, जेल में बंद थे।”