मुंगेरीलाल जी की डाक्टरी की पढ़ाई पूरी हुई और वे यथाविधि हृदय शल्यचिकित्सक (heart surgeon) बन गए।
पहली ओपन हार्ट सर्जरी का अवसर आया। मुंगेरीलाल जी ने पैशन्ट का हृदय खोला और ज़ोर ज़ोर से हंसने लगे।
नर्स ने आश्चर्य से उन्हें देखा तो उन्होंने उत्तर दिया – “पहली बार दिल खोल कर हंसने का मौका मिला है!”